Max Hospital, Patparganj, New Delhi
Specialist Clinic, Rajouri Garden, New Delhi
Max Hospital, Vaishali, Ghaziabad
28 Feb, 2023
इंसीडेंटल गॉल ब्लैडर कैंसर, पित्ताश्य के उस कैंसर को कहा जाता है, जिसका डायग्नोसिस या निदान पित्ताशय से संबंधित स्वास्थ्य समस्या के लिए की जाने वाली कोलेसिस्टेक्टोमी (सर्जरी के द्वारा पित्ताश्य को निकालना) के दौरान या बाद में होता है। जिन सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए यह कोलेसिस्टेक्टोमी की जाती है उनमें पित्ताशय की पथरी, स्लज, एम्पाइमा या पित्ताशय में पॉलीप्स बनना हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पित्ताशय को बायोप्सी के लिए भेजा जाए, केवल निकाले गए स्टोन्स या उनके आकार से उत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है। पित्त की थैली की सर्जरी के बाद कुछ मरीजों (1-2 प्रतिशत) के पित्ताशय को हिस्टोपैथोलॉजिक एक्जामिनेशन/पित्ताशय की बायोप्सी में पित्ताश्य सामान्य दिखाई देने पर भी इसमें कैंसर हो सकता है। पित्ताशय के कैंसर शरीर के अन्य भागों में तेजी से फैलते हैं, इसलिए तत्काल उपचार शुरू करना आवश्यक होता है।
अक्सर मरीज के परिवार में काफी चिंता और तनाव होता है। कैंसर का फैलाव किस स्तर तक हुआ है इसकी सही जानकारी प्राप्त करने के लिए विस्तृत बायोप्सी रिपोर्ट के साथ जीआई और एचपीबी कैंसर उपचार में विशेषज्ञता वाली सर्जिकल टीम से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। एक पीईटी-सीटी स्कैन (और कुछ रक्त परीक्षण) उपचार का सबसे अच्छा तरीका तय करने में बहुत सहायता करते हैं।
बायोप्सी करने पर पता चलने वाले आकस्मिक पित्ताशय के कैंसर वाले मरीजों में रोग का इलाज सर्जरी के द्वारा निकाले गए पित्ताशय में कैंसर के चरण पर निर्भर करता है। रोग किस स्तर तक फैला है वह पीईटी-सीटी स्कैन से भी पता चलता है, पित्ताश्य से बाइल ले जाने वाली पित्त वाहिका से सामान्य पित्त नली (जिसे सिस्टिक डक्ट कहा जाता है) तक कैंसर कहां-कहां पहुंच चुका है। पित्ताश्य के बहुत प्रारंभिक चरण के कैंसर (प्रारंभिक स्टेज) वाले कुछ मरीजों में, यह पित्ताश्य की आंतरिक परत की सबसे उपरी सतह तक ही पहुंचा रहता है। इस स्तर पर नियमित स्कैन के साथ समय-समय पर फॉलो-अप लेना ही पर्याप्त होता है। अधिकांश अन्य रोगियों (बाद के स्टेज | और ||) के लिए आसपास की लिम्फ नोड्स के साथ लिवर के एक छोटे से हिस्से (जिससे पित्ताशय जुड़ा हुआ था) को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। यदि सिस्टिक डक्ट मार्जिन सकारात्मक था या लिम्फ नोड्स पित्त नली से सघन रूप से चिपके हुए थे, तो पित्त नली को हटाने की आवश्यकता होगी। यह तब भी जरूरी है जब पीईटी सीटी में कोई अवशिष्ट बीमारी नहीं दिखती है और परिणामों को बेहतर बनाने में सहायता करती है। अधिकांश मरीजों में सर्जरी के बाद कीमोथेरेपी कराने से भी फायदा होता है। ऐसे मरीजों के लिए जिनका कैंसर एडवांस स्टेज तक पहुंच गया है उन्हें पहले कीमोथेरेपी देना बेहतर रहता है और सर्जरी करना तभी अच्छा होता है जब मरीज की हालत स्थिर हो और वह उपचार के प्रति रिस्पांस दे रहा हो। आसान शब्दों में कहें तो, पित्ताशय के कैंसर वाले मरीजों के लिए सर्जरी के द्वारा पित्ताशय को पूरा निकाल देना ही एकमात्र संभावित उपचारात्मक विकल्प है।
सौभाग्य से, T1 आकस्मिक पित्ताशय कैंसर (स्टेज|) के लिए 5-वर्ष जीवित रहने या ठीक होने की दर 95 प्रतिशत से अधिक है। अधिक उन्नत टी चरण या नोडल पॉजिटिविटी खराब परिणामों से जुड़ी है, हालांकि इन मरीजों में आधुनिक इलाज के साथ जीने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है जिसमें पित्ताशय के कैंसर के लिए सर्जरी के साथ इम्यूनोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और टारगेटेड कीमोथेरेपी सम्मिलित है।